पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड के घरेलू क्रिकेट खेलने की सख्ती के फैसले का समर्थन किया है। भारत को पहला वर्ल्ड कप जिताने वाले कप्तान ने शुक्रवार को कहा, एनुअल सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिलने से खिलाड़ियों को तकलीफ होगी तो होने दो, क्योंकि देश से बढ़कर कोई नहीं है। पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर ने कहा कि यह फर्स्ट क्लास टूर्नामेंट जैसे रणजी ट्रॉफी को बचाए रखने के लिए जरूरी कदम है।
कपिल देव ने साधा निशाना :– घरेलू क्रिकेट में नहीं खेलने वालों को लेकर कपिल देव ने निशाना साधते हुए कहा कि यह स्थापित खिलाड़ियों का कर्तव्य है कि वे घरेलू क्रिकेट खेलें क्योंकि उनकी सफलता उनके संबंधित राज्यों के लिए भी है। उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा इस प्रक्रिया में विश्वास करता हूं कि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अपने संबंधित राज्यों के लिए खेलने के लिए उपलब्ध हों। इससे उन्हें घरेलू खिलाड़ियों को अपना समर्थन देने में मदद मिलती है। साथ ही यह राज्य संघ द्वारा खिलाड़ी को तैयार करने के लिए दी गई सेवाओं के लिए वापस भुगतान करने का एक अच्छा तरीका है।’
रणजी ट्रॉफी में भाग लेने के बीसीसीआई के निर्देश की अवहेलना के बाद, इशान किशन और श्रेयस अय्यर को केंद्रीय अनुबंध से बाहर करने पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं हुईं। विशेष रूप से, कीर्ति आज़ाद और इरफ़ान पठान सहित कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने दरकिनार कर दी गई जोड़ी का पक्ष लिया