प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले के बैसाखी में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी सेला टनल का उद्घाटन किया | यह इतनी ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी डबल लेन टनल है | चीन सीमा से लगी इस टनल की लंबाई 1.5 किलोमीटर है | PM ने इसके अलावा 55 हजार से अधिक के प्रोजेक्ट्स का भी लोकार्पण व शिलान्यास किया | यह उद्घाटन भारत के लिए कई मायनों मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | क्योकि इसकी सहायता से चीन के आक्रमणों का मुँह तोड़ जवाब दिया जा सकता है | इसके अलावा टनल के बनने से आम लोगों के साथ-साथ सेना को भी बहुत ज्यादा फायदा होगा | टनल चीन बॉर्डर से लगे तवांग को हर मौसम में रोड कनेक्टिविटी देगी | लेकिन इससे पहले बारिश, बर्फबारी के दौरान यह इलाका देश के बाकी हिस्सों से महीनों तक कटा रहता था | वही टनल के बनने से चीन बॉर्डर तक की दूरी 10 किलोमीटर कम हो जाएगी | यह टनल असम के तेजपुर और अरुणाचल के तवांग को सीधे जोड़ेगी | दोनों जगह सेना के चार कोर मुख्यालय हैं, जिनकी दूरी भी एक घंटे कम हो जाएगी | यह टनल 825 करोड़ रुपए की लागत से BRO ने बनाई है | टनल के बनने के बाद मिलिट्री का मूवमेंट चीन की सीमा तक बेहतर हो गया है | सेना कम समय में हथियार और मशीनरी मूव कर पाएगी | 1962 में चीनी सैनिक इस क्षेत्र में भारतीय सेना के साथ भिड़ गए थे और तवांग शहर पर कब्जा कर लिया था | इस प्रोजेक्ट में दो टनल शामिल हैं | पहली 980 मीटर लंबी सिंगल-ट्यूब सुरंग है और दूसरी 1.5 किमी लंबी है जिसमें इमरजेंसी के लिए एक एस्केप ट्यूब बनाया गया है |