यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द कर दी गई है। परीक्षा के पेपर लीक होने का आरोप लगाकर पूरे प्रदेश में छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बाद यूपी सरकार ने ये फैसला लिया। 6 महीने में फिर से परीक्षा होगी।17 और 18 फरवरी को यूपी के 75 जिले में परीक्षा हुई थी। परीक्षा में 48 लाख से ज्यादा छात्र शामिल हुए थे। पुलिस भर्ती में 60244 पद थे। परीक्षा के दौरान 287 से सॉल्वर और उसके गैंग से जुड़े लोग पकड़े गए थे। छात्रों का आरोप था कि परीक्षा से एक दिन पहले ही पेपर वॉट्सऐप और टेलीग्राम पर ग्रूपों में सर्कुलेट हो रहा था। आरोप था टेलीग्राम पर 100-100 रुपए में परीक्षा के पेपर बेचे गए थे।
इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों से पेपर लीक होने के आरोपों पर सबूत मांगे थे। बताया जा रहा है कि करीब 1500 शिकायतें दर्ज हुई थीं।
यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के लाखों अभ्यर्थियों ने पेपर लीक होने का आरोप लगाया था। वे लगातार एग्जाम रद्द कर फिर से कराने की मांग कर रहे थे। इसके लिए परीक्षार्थी विभिन्न जिलों में धरना प्रदर्शन कर रहे थे। विधायकों और डीएम को अपनी मांगों का ज्ञापन दे रहे थे। अभ्यर्थियों का कहना था कि बड़े पैमाने पर यूपी पुलिस की सिपाही भर्ती की परीक्षा के पेपर लीक हुए हैं, परीक्षा के पहले ही लोग के टेलीग्राम, व्हाट्सएप ग्रुप पर पहुंच गए थे।
दो चर्चित एफआईआर बनी सबसे बड़ी वजह
147 सवालों के सही जवाब लेकर क्लास में बैठा मिला युवक 18 फरवरी को तमाम कॉलेजों की तरह लखनऊ के सिटी माडर्न एकेडमी अलीनगर में भी परीक्षा थी। यहां बिहार के सारण जिले से सत्य कृष्ण कुमार परीक्षा देने आया था। 3 बजे से परीक्षा होनी थी। अमन के दोस्त नीरज ने 12 बजकर 56 मिनट पर एक सॉल्व पेपर भेज दिया। कहा कि इसे देख लो और पास होने के बाद पैसा देना। अमन ने देखा और फिर उसकी चिट बना ली। पुलिस की जांच से निकलकर वह क्लास में पहुंच गया।
क्लास में उसकी एक्टिविटी संदिग्ध लगी तो उसकी जांच की गई। उसके पास चिट मिली जिससे मिलान करने पर पता चला कि पेपर से 147 सवाल मिल रहे थे। उनका क्रम ऊपर नीचे था। ड्यूटी में लगे यूपी पुलिस ने निरीक्षक राम बाबू सिंह ने कृष्णानगर थाने में अमन कुमार और पेपर भेजने वाले नीरज के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। जो FIR लिखवाई उसमें बकायदा सवालों का भी जिक्र किया।